चरण सिंहअभिलेखागार

अवतार: भारत ५० असामान्य जीवनयों में

अवतार: भारत ५० असामान्य जीवनयों में

२०१६
Published by
पेंगुइन रैंडम हाउस यू. के.
लिखित द्वारा
सुनील खिलनानी

चरण सिंह: आम जन हित हेतु
अवतार : भारत के सन्दर्भ में 50 जीवन चरित

"प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने चरण के जीवन एवं विरासत की पड़ताल की है। सिंह वकील से राजनेता बने और उन्होंने भारत के किसानों के हितों की पैरवी की। सिंह को आज उस राजनेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के गढ़ राज्य उत्तर प्रदेश में इंदिरा गांधी की सामना करा और हराया। उन्होंने अहिंसक रूप से सत्ता का पुनर्वितरण किया और उत्तर-पश्चिमी भारत की सामाजिक संरचना को सुधारा और पुनर्वितरण किया । इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय किसान की क्षमता को स्पष्ट रूप से देखने में मदद की। वह भारत के पहले किसान प्रधान मंत्री बने, लेकिन पल में उनकी प्रतिद्वंद्वी इंदिरा गांधी ने हटा दियाI यद्यपि आज उन्हें बहुदा अपनी जाति के नेता के रूप मैं याद किया जाता है प्रोफेसर खिलनानी का तर्क है कि चरण सिंह का भारतीय इतिहास में अनुपम स्थान है।"

पूर्ण स्क्रीन पर देखे / डाउनलोड करे
संलग्नीआकार
2016 Khilnani, Sunil. Incarnations - India in 50 Lives.pdf7.89 मेगा बाइट

अवतार : भारत के सन्दर्भ में 50 जीवन चरित - चरण सिंह आम जन हिट हेतु (ऑडियो)

Incarnations: India In 50 Lives - Charan Singh A Common Cause (Audio)

यह ऑडियो बीबीसी सीरीज़ - अवतार: भारत ५० असामान्य जीवनयों में से है। http://www.bbc.co.uk/programmes/b0742kw6#play
सभी कॉपी राइट स्वामित्व के अधीन हैं।

किंग्स कॉलेज, लंदन इंडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने फरवरी 2016 में प्राचीन से आधुनिक समय तक असाधारण भारतीयों पर- "अवतार: भारत ५० असामान्य जीवनयों में” प्रकाशित की। ”लघु अध्यायों की इस श्रृंखला में [सुनील] वर्णन करते हैं क्या इन शख्सियतों को इतना आश्चर्यजनक, जिज्ञासु या महत्वपूर्ण बनाता है। ये केवल इतिहास के पाठ नहीं बल्कि आज के भारत में जड़ी कहानियां हैं – इस सफ़र में खिलनानी ने समकालीन भारत में इन असाधारण व्यक्तियों के जीवंत अवशेष तलाशा हैI

खिलनानी का मानना ​​​​है कि इन 50 उत्कृष्ट भारतीयों में चरण सिंह एक हैं। "

---

चरण सिंह अभिलेखागार की टिप्पणी

हमें बहुत ख़ुशी है कि भारतीय राजनीति और समाज के एक प्रतिष्ठित विद्वान ने चरण सिंह को सर्वकालीन अतिविशिष्ट भारतीयों में शुमार किया है। यह अध्याय चरण सिंह की राजनीति और जीवन-कार्यों के अनुपम पहलुओं को उद्धृत करता है, विशेषकर भारत के (जान सांख्यकीय रूप से ) सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उनके द्वारा किया गए जमींदारी उन्मूलन के ऐतिहासिक योगदान को। यह एक प्रवाहपूर्ण और सरल रूप से लिखा हुआ लेख है।

प्रोफेसर खिलनानी के इस वेशकीमती कार्य के कुछ पहलुओं से हमारी सम्मानपूर्वक असहमतियां हैं।

पहला - चरण सिंह को किसान वर्ग के नेता और ग्रामीण भारत की सभी जातियों के हितों के स्वप्नदृष्टा तथा समग्र विचारक के रूप में चित्रित न करके उनको अपनी जाति के नेता के तौर पर पेश करना।

दूसरा - इस ऑडिओ चैप्टर में चरण सिंह के बौद्धिक पक्ष पर अपर्याप्त ध्यान दिया गया है, जबकि वह बहुत सी विद्वतापूर्ण पुस्तकों एवं परिष्कृत दलीय संविधानों के लेखक थे, जिनमें उनकी भारतीय राजनैतिक अर्थव्यवस्था की गहरी समझ प्रतिबिम्बित होती है, और चाहे वह आर्थिक विषमता हो या साम्यवाद हो या (उद्योग / कॉरपोरेट और राज्य) पूंजीवाद, भारत की विभिन्न समस्याओं के उन्होंने विलक्षण समाधान प्रस्तुत किये।

तीसरा - हम चरण सिंह की चारित्रिक असाधारणता के विषय में भी यहाँ कुछ नहीं पाते हैं - नैतिकता के प्रति उनकी गहरी चेतना, सच्चाई, व्यक्तिगत ईमानदारी के उच्च मापदंड और सत्ता पाने के लिए राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद दैनिक जीवन से उनका विराग और अंततः उनकी उस गाँधीवादी सोच के बारे में अपर्याप्त जानकारी, जिसके तहत वह चाहते थे कि भारतीय राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि में, साथ ही वैकल्पिक रोजगार के लिए हथकरघा, हस्तशिल्प, लघु ग्रामोद्योगों और लघु उद्योगों में बड़े पैमाने पर निवेश करे।