आर्थिक विकास के सवाल और बौद्धिक दिवालियापन
१९८४
चरण सिंह अभिलेखागार
२०२२. पेपरबैक पुनर्मुद्रण
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Paperback
₹ 199
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चौधरी चरण सिंह ने इस पुस्तिका को १९८४ लोक सभा चुनावों से पूर्व लिखा तथा किसान ट्रस्ट के तत्कालीन मैनेजिंग ट्रस्टी स्वर्गीय अजय सिंह ने इसे प्रकाशित करी। पढ़ने के पश्चात आपको स्वयं एहसास होगा की हिंदुस्तान में गिने चुने राजनेता ही इतनी गहरी सोच रखते थे - या हैं। यह पुस्तिका चौधरी साहब के ५० वर्षों के चिंतन को दर्शाती है। हमारी आशा है इस के सहारे पाठक चौधरी साहब की नजर से आजाद हिंदुस्तान की योजनाओं के औचित्य को एक नए दृष्टिकोण से देख सकेंगे और भारत की आर्थिक विकास की सही दिशा जान सकेगा।