Charan Singh and Congress Politics, 1937-1961, Volume 1
Charan Singh and Congress Politics, 1937-1961, Volume 1
Charan Singh and Congress Politics, 1937-1961, Volume 1
Charan Singh and Congress Politics, 1937-1961, Volume 1
Charan Singh and Congress Politics, 1937-1961, Volume 1
२०२४
लेखक
पॉल रिचर्ड ब्रास
प्रकाशक
चरण सिंह अभिलेखागार
बाइंडिंग
पेपरबैक
प्रकाशन भाषा
अंग्रेजी
₹ 1,999

In Stockस्टॉक में

यह पुस्तक 1937 से 1961 के दौर की राजनीति में चरण सिंह की भूमिका पर केंद्रित है। उस समय के बड़े मुद्दों, विवादों और गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा भी इसमें दिया गया है।

इस किताब में एक ऐसे सिद्धांतवादी और स्वाभिमानी व्यक्ति के शुरुआती जीवन का उल्लेख है जो एक समर्पित राष्ट्रवादी था। जिसने देश के लिए देश के नेताओं द्वारा चुने गए मार्ग और इसके अधिकांश पेशेवर राजनेताओं की निंदा की. जबकि अपने देश से प्यार भी किया। वह साधारण पृष्ठभूमि वाला और ग्रामीण क्षेत्र से था। लेकिन वह कोई गांव का गंवार नहीं था बल्कि अपने द पर सफलता की सीढ़ी चढ़ने वाला बेहद बुद्धिमान शख़्स था। एक मझोले जाट परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस व्यक्ति ने उत्तरी भारत की पिछड़ी जातियों, जिनके हितों को उसने हमेशा बढ़ावा दिया और जिनकी उन्नति में उसने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, का एक नया सामाजिक आंदोलन खड़ा किया और उसकी पैरवी की।

चरण सिंह के व्यक्तिगत संग्रह (राजनीतिक फाइलों का) के साथ ही राजनेताओं, प्रसिद्ध शख़्सियतों और स्थानीय लोगों के विस्तृत साक्षात्कारों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करने के बाद यह किताब अस्तित्व में आई है। इस किताब में उस कालक्रम के मुख्य मुद्दों और घटनाओं जिसमें हिंदू-मुस्लिम संबंधों, तेज गति से औद्योगिकीकरण के नेहरूवादी उद्देश्य और कृषि को प्राथमिकता देने के पक्षधरों की आकांक्षाओं के बीच संघर्ष, कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे, राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराध की वृद्धि, आधुनिक होते समाज में जाति का स्थान और उस जमाने के व्यापक गुटीय राजनीति लक्षणों का विवरण है।

यह पुस्तक ‘उत्तर भारत की राजनीतिः १९५७ से १९६७’ पर दो खण्डों में लिखी गई श्रंखला का पहला खंड है।

पाॅल आर. ब्रास (१९३६-२०२२वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, सीएटल, अमरीका राजनीति विज्ञानके प्रोफेसर थे।

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