"इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ़ इंडिया : इट्स कॉज एण्ड क्योर" का प्रकाशन।

१९८१

"इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ़ इंडिया : इट्स कॉज एण्ड क्योर" का प्रकाशन।

"वे असामान्य रूप से सफल राजनीतिज्ञ थे। दूसरे, १९४७ और १९८६ के बीच उन्होंने पर्याप्त और ठोस लेखन कार्य किया, जिसके अंतर्गत संगत एवं व्यापक विचारों के आधार पर उन्होंने ग्रामीण भारत की प्रकृति को दर्शाते हुए उस पथ को प्रशस्त किया है, जिस पर ग्रामीण भारत को अग्रसर होना चाहिए। वे सही मायने में बड़े काम के बुद्धिजीवी थे। उन्होंने अपने लेखन के जरिये विश्लेषण और समाधान का सशक्त सम्मिश्रण प्रस्तुत किया। उस पर भी कृषि मुद्दे में रुचि रखने वाले राजनैतिक अर्थनीति के विशेषज्ञों का विशेष ध्यान जाना चाहिए। सक्रिय राजनीतिक जीवन की अनुपस्थिति में भी ऐसा किया जा सकता है। तीसरे, उनके पास एक ऐसी खूबी थी जिसके आधार पर वे राजनैतिक कर्म के साथ बौद्धिकता को समन्वित करके विचारों का सहज सम्प्रेषण कर सकते थे।" टेरेंस जे. बायर्स (१९८८) चरण सिंह, १९०२-८७ : एन असेसमेंट, द जर्नल ऑफ़ पीजेंट स्टडीज, १५ : २, १३९-१८९