गोविंद बल्लभ पंत (१८८७-१९६१) को संयुक्त प्रांत का प्रधानमंत्री चुना गया। चरण सिंह पंत को पितातुल्य मानते थे और उन्होंने जी.बी. पंत (१९४६-१९५४) के साथ काम करने के दौर को अपने जीवन का "स्वर्णिम काल" बताया, जैसा कि उन्होंने १९८१में दिल्ली में दिए अपने भाषण में कहा था।