१९३७ में संयुक्त प्रांत धारासभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर मेरठ जिले (दक्षिण-पश्चिम), जिसमें तहसील बाग़पत और गाज़ियाबाद शामिल था, पहली बार चुने गए। कुल मतों के ७८.०६ प्रतिशत मत हासिल कर नेशनल पार्टी के प्रत्याशी को हराया। (तब मेरठ , मुज़फ्फरनगर और मथुरा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंतर्गत आते थे) इस विधानसभा क्षेत्र का लगातार आठ बार प्रतिनिधित्व किया, यथा- १९३७, १९४६, १९५२, १९५७, १९६२, १९६७, १९६९ और १९७४ ।
२३ फरवरी को चौथी पुत्री सरोज का जन्म हुआ।