संयुक्त विधायक दल की सरकार अपने विभ्भिन दलों के दबाव में बिखर जाती है। जनवरी १९६८ में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ यूपी की आधिकारिक यात्रा पर चरण सिंह व्यक्तिगत रूप से गए थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एसवीडी के घटक दलों में से एक, समाजवादियों द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने की धमकियों को निष्प्रभावी किया जाए और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। श्री चरण सिंह के इस्तीफे के बाद गतिरोध के कारण उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया और राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया। राज्य के राज्यपाल, श्री गोपाल रेड्डी ने प्रशासन का प्रभार संभाला। राज्य एक साल तक राज्यपाल शासन के अधीन रहता है और फिर उपचुनाव घोषित किए जाते हैं।