यह वीडियो १९६७ से लेकर उनकी अंतिम यात्रा १९८७ किशन घाट तक, और कुछ उनके निर्धन के बाद श्रद्धांजलि के रूप में दिया गया हे जो लोग उनको बेहद अच्छी तरह से जानते थे।