महात्मा गांधी जब भारत आए थे, तब वे भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए प्रयास कर रहे थे। चरण सिंह कहते हैं की उस समय उनकी पीढ़ी के लड़के जो स्कूल-कॉलेजों में पढ़ते थे, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, तिलक जैसे महान नेताओं की जीवनियाँ पढ़ते थे और देश को आज़ाद कराने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले इन महापुरुषों का अनुकरण करने का प्रयास करते थे। लेकिन आज की पीढ़ी के पास ऐसे आदर्श नहीं हैं, जिन्हें वे अपना आदर्श बना सकें। ये बच्चे किसे अपना आदर्श बनाएंगे, किसका अनुकरण करेंगे?