जनता पार्टी के भीतर लगातार मतभेद, कई गुटों की चालबाजी और कुछ नेताओं की महत्वाकांक्षाओं के कारण जनता पार्टी बिखर गई। १५ जुलाई को श्री मोरारजी देसाई ने अपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल से अगली सरकार बनने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। १६ जुलाई को श्री चरण सिंह ने भी मंत्रिमंडल और जनता संसदीय दल से इस्तीफा दे दिया।