४ अप्रैल, १९७८ का यह नोट हरिजनों के प्रति चरण सिंह के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है। सिंह ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में हरिजनों द्वारा अनुभव की जाने वाली अक्षमताओं को दूर करने के लिए उपाय किए। उन्होंने अंतरजातीय विवाहों का समर्थन किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस आशय का कानून लाने की आवश्यकता पर कई बार पत्र भी लिखा। उनका यह भी मानना था कि किसी भी जाति के नाम पर बने शैक्षणिक संस्थान को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता नहीं दी जानी चाहिए।
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1978-4-4 Charan Singh's attitude towards harijans.pdf | 1.9 मेगा बाइट |