बीकेडी ने अपने १९७१ के घोषणापत्र को अपडेट किया, राज्य की स्वायत्तता पर विशेष जोर दिया

दिसंबर, १९७३

बीकेडी ने अपने १९७१ के घोषणापत्र को समय पर अपडेट करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि बड़े आर्थिक और सामाजिक सरोकार वही रहे, जैसे कि ग्रामीण-कृषि पर ध्यान केंद्रित करना; लगातार राष्ट्रीय चिंता के मामलों को सूची में जोड़ा गया। चूंकि कई राज्यों को केंद्र की आंतरिक राजनीति में घुसपैठ का खामियाजा भुगतना पड़ा था, इसलिए राज्यों की स्वायत्तता बढ़ाना और उनके अधिकार क्षेत्र को बढ़ाना केंद्र-राज्य संबंधों को संतुलित करने की एक महत्वपूर्ण मांग के रूप में देखा गया।

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Aims and Principles of the BKD, 1973.pdf 12.85 मेगा बाइट